पुस्तकालय एवं प्रलेखन

    पुस्तकालय एवं प्रलेखन इकाई की स्थापना वर्ष 1979 में की गई और सूचना संसाधन विकसित किए गए। इस इकाई में कुल संग्रह 14,000 है जिसके अंतर्गत पुस्तकें, पत्रिकाओं की बाउंड वॉल्यूम, मानचित्र, एटलस, रिपोर्ट, थीसिस, सम्मेलन की कार्यवाही आदि शामिल हैं। पुस्तकालय द्वारा 15 विदेशी पत्रिकाओं और 26 भारतीय पत्रिकाओं की नियमित सदस्यता ली गई है। बैंगलोर, दिल्ली, जोरहाट, कोलकाता और उदयपुर में स्थित पांच क्षेत्रीय केंद्र क्षेत्रीय अपने मुख्य उपयोगी संग्रह के साथ छोटे तकनीकी पुस्तकालयों से भी जुड़े हुए हैं।
 
इकाई के मुख्य उद्देश्य हैं:
  • मृदा वैज्ञानिकों की सूचना आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक प्रभावी मृदा सूचना प्रणाली के रूप में कार्य करना।
  • मृदा पर जानकारी एकत्र करना, संग्रहित करना, संश्लेषण करना एवं पर्यवेक्षण करना।
  •  मृदा सर्वेक्षण एवं  भूमि उपयोग योजना के सभी पहलुओं पर प्रासंगिक वैज्ञानिक और तकनीकी सूचना संसाधन प्राप्त करना।
  • जानकारी संग्रहीत करने और पुनः प्राप्त करने के लिए ग्रंथ सूची डेटाबेस स्थापित करना।
  • सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ संपर्क बनाए रखना।
पुस्तकालय का मुख्य उद्देश्य सभी प्रासंगिक सूचना संसाधनों को प्राप्त करना और मृदा सर्वेक्षण कार्यक्रमों की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए इसे व्यवस्थित करना है। पुस्तकों, वैज्ञानिक/तकनीकी पत्रिकाओं जैसे पारंपरिक साहित्य के अधिग्रहण के अलावा, सभी राज्यों से संबंधित वार्षिक रिपोर्ट, मृदा सर्वेक्षण रिपोर्ट और कृषि सांख्यिकीय डेटा जैसे सभी गैर-पारंपरिक साहित्य का पता लगाने और प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है।