निदेशक महोदय का संदेश

डॉ. एन. जी. पाटील
निदेशक भाकृअनुप- राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, नागपुर
बायोडेटा
पीएमएस फ़ोन नंबर: +91-712-2500386 (ओ), +91-712-2500664 (ओ)।,
ईमेल: निदेशक.nbsslup@icar.gov.in, nitin.patil@icar.gov.in

  तेजी से प्रगतिशील हमारे देश में भूमि की कमी एक विकट चुनौती है, क्योंकि विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिस्पर्धी मांगें ज्यादातर खेती योग्य भूमि पर दबाव बढ़ा रही हैं। घटती मिट्टी एवं जल संसाधनों वाले दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन सीमित संसाधनों के वैज्ञानिक और इष्टतम उपयोग की आवश्यकता है। इस प्रकार जैव-भौतिक संसाधनों, सामाजिक-आर्थिक कारकों, संस्थागत और कानूनी ढांचे का आकलन करना और लोगों को इन संसाधनों को आवंटित करने के तरीके के बारे में निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाना आवश्यक है। यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि, व्यवस्थित मृदा सर्वेक्षण के माध्यम से देश की एक उच्च-रिज़ॉल्यूशन भूमि संसाधन इन्वेण्ट्री  तैयार करने और नवीनतम भू-स्थानिक तकनीकों, रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकियों और कम्प्यूटेशनल डेटा/ कृत्रिम मेधा(AI) क्षमताओं का उपयोग करके भूमि उपयोग योजना के लिए आनुषंगिक डेटा एकत्र करने की तत्काल आवश्यकता है। मिट्टी की जानकारी/डेटा की मांग बढ़ रही है, क्योंकि विकास एजेंसियां ​​साइट-विशिष्ट फसल योजना, पोषक तत्व प्रबंधन, मिट्टी और जल संरक्षण, वन प्रबंधन, भूजल प्रबंधन और कई अन्य विकास प्रयासों पर समय पर निर्णयों के लिए त्वरित डेटा आपूर्ति की मांग करती हैं। चूंकि इस तरह की बड़े पैमाने पर जानकारी तैयार करना समयसाध्य और संसाधन सापेक्ष है, इसलिए भाकृअनुप- राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, नागपुर ने एक हाइब्रिड पद्धति विकसित की है। यह पद्धति पारंपरिक मृदा सर्वेक्षण के सार को संरक्षित करते हुए मृदा सर्वेक्षण डेटा अधिग्रहण की गति को तेज करने के लिए आधुनिक उपकरणों पर निर्भर करती है। ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल में उपग्रह डेटा के अधिग्रहण और प्रसंस्करण से शुरू होने वाले चरणों का क्रम शामिल है – एक सैंपल योजना तैयार करना जो अधिकतम मृदा परिवर्तनशीलता को कैप्चर करते हुए, अध्ययन किए जाने वाले प्रोफाइल/एकत्रित किए जाने वाले सैंपल्स  की संख्या को कम करता है, व्यवस्थित मृदा सर्वेक्षण, प्रयोगशाला विश्लेषण और गहराई के अनुसार मिट्टी के लक्षण वर्णन के लिए मॉडलिंग, कृषि भूमि उपयोग और मृदा एवं  जल संरक्षण योजनाओं को तैयार करना। देश की भूमि संसाधन इन्वेण्ट्री जल्द ही रीयल टाईम में मिट्टी की नमी का आकलन एवं पर्यवेक्षण, ​​वर्षा आधारित कृषि में आकस्मिक योजना के लिए स्थानिक जानकारी प्रदान करने, फसल प्रबंधन, जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों के विकास, भूजल व्यवस्थापन एवं प्रबंधन जैसे विभिन्न डोमेन में नीतिगत निर्णयों की रीढ़ के रूप में काम करने की उम्मीद है। अगले 5 वर्षों के दौरान  भारत के 25-30 जिलों को प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन के लिए विभिन्न मृदा डेटा उत्पादों से समृद्ध किया जाएगा। भाकृअनुप- राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, नागपुर संघीय एजेंसियों को क्रॉप कॉलोनी विकसित करने, वाटरशेड प्रबंधन, विशिष्ट फसलों को बढ़ावा देने, कार्बन  सेक़ुएस्टरेशन आदि जैसे विभिन्न कार्यों में सहयोग हेतु भी प्रतिबद्ध है। देश में एकमात्र अनुसंधान एवं विकास इकाई होने के नाते, भाकृअनुप- राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो,